5 भारतीय महिला उद्यमी जो एक प्रेरणा हैं
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वक्त बदल चुका है। अब जिन पदों पर आपको पुरुष नजर आएंगे उन्हीं पदों पर आपको महिलाएं भी नजर आएंगी। घर के किचन से निकलकर महिलाएं कमाल कर रही हैं। कई बार इनकी सफलता दुनिया को हैरान कर देती है। डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर, सैनिक आदि के रूप में तो महिलाएं अपना जलवा बिखेर ही रही हैं लेकिन अब महिलाएं व्यवसाय में भी पीछे नहीं हैं।
देश में स्टार्ट-अप की लहर तो अब आई है लेकिन बिजनेस वीमेन के रूप में महिलाएं वर्षों से कमाल करती आ रही हैं। फर्क ये है कि इन दिनों उद्यमी महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है।
भारत को बिजनेस के लिए हमेशा पसंद किया जाता रहा है वजह है यहाँ का अनुकूल वातावरण, करोड़ों की संख्या में खरीददार और सस्ती सुविधाएं! इसी भारत देश की कई महिलाओं ने व्यवसाय में अपना नाम खुद के बल-बूते पर कमाया है। आज हम इस आर्टिकल में देश की पाँच उद्यमी महिलाओं की बात करेंगे जो आज हर उस महिला के लिए एक प्रेरणा हैं, जो सपने देखना जानती हैं।
वंदना लूथरा - फाउंडर, VLCC
सौन्दर्य यानि कि ब्यूटी और केयर मार्केट का एक जाना माना नाम है VLCC! वंदना लूथरा वह महिला हैं जिन्होनें इसकी नींव रखी थी। सालों से अपनी सेवाओं के लिए यह कंपनी हर उपभोक्ता के दिल में बसी हुई है। ब्यूटी का नाम आए और VLCC को लोग भूल जाएं, ऐसा मुमकिन नहीं है। आज की तारीख में यह कंपनी 4000 कर्मचारियों का एक परिवार है और इसके पाँच मिलियन से भी ज्यादा कस्टमर हैं।
VLCC की संस्थापक, वंदना लूथरा को 2013 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें उनके योगदान के लिए मिला था। फॉर्च्यून इंडिया के द्वारा 2015 में वंदना लूथरा को सबसे पॉवरफुल महिला की सूची में 33वें स्थान पर अंकित किया गया था। इसके अलावा, वे मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा (दिल्ली) की जनरल बॉडी मेंबर भी हैं।
साल 1989 में जेब की थोड़ी सी बचत से उन्होनें इसकी शुरुआत की थी। ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ सीरियल से उन्हें इस बिजनेस की प्रेरणा मिली थी।
फाल्गुनी नायर - फाउंडर और सीईओ , Nykaa
आलम कुछ ऐसा कि ब्यूटी मार्केट में कदम रखने से पहले भी उद्यमी हजार बार सोचते हैं क्योंकि यह मार्केट पहले से ही काफी टफ है। उँगलियाँ खत्म हो जाएंगे लेकिन इस मार्केट में लोग नहीं खत्म होंगे।
ऐसे में फाल्गुनी नायर ने इस मार्केट में कदम रखने की सोची वह भी एक सफल करियर में होने के बावजूद। Nykaa शुरू करने से पहले फाल्गुनी नायर ने IIM से अपनी पढ़ाई की थी और फिर कोटक महिंद्रा की MD पद पर कार्यरत थी। ऐसे खुशनुमा जीवन को छोड़कर भला किसे मन करेगा एक नई कंपनी स्थापित करने का, जिस फील्ड में कोई सांस भी न लेने दे।
लेकिन फाल्गुनी के आँखों में सपने थे और उन्हें पूरा करने के पीछे उन्होनें जान लगा दी। आज नाएका हर किसी की जबान पर है। बड़ी-बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइट से ज्यादा Nykaa की सेल होती है और यह कंपनी आज की तारीख में पब्लिक हो चुकी है।
पिछले साल फाल्गुनी नायर को देश की सबसे अमीर सेल्फ मेड महिला के रूप में ख्याति मिली थी। Nykaa भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी है।
सुचि मुखर्जी - फाउंडर और सीईओ, LimeRoad
ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल LimeRoad की सीईओ और फाउंडर सूची मुखर्जी की कहानी काफी दिलचस्प है। एक लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने अपनी कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाया है। सूची ने एक बार एक ज्वेलरी की तस्वीर देखी थी जिसे वो खरीद नहीं सकती थी क्योंकि दुकान का एड्रेस मुंबई का था। इसी बात ने उनके मन में एक ऐसा शॉपिंग पोर्टल खोलने का विचार बनाया जिससे लोग कहीं से शॉपिंग कर सकें।
इसके बाद अपने पुराने काम के अनुभव, कौशल और सही लोगों के चयन के साथ उन्होनें इस कंपनी की नींव 2012 में रखी। अंकुश मेहरा और प्रशांत मलिक के साथ मिलकर उन्होंने इसकी शुरुआत की थी। सूची को साल 2015 मे इन्फोकॉम द्वारा ‘वुमन आफ द ईयर’ और साल 2016 मे NDTV ‘यूनीकोर्न वुमन आंत्रप्रेन्योर आफ द ईयर अवार्ड’ से नवाजा जा चुका है।
ऋचा कर - कॉ-फाउंडर, Zivame
भारत में रहकर लिंग्री खरीदना अपने आप में एक चुनौती है। जो चीज लोगों को सबसे पहले शर्म का एहसास कराती है उसे एक बिजनेस आइडिया बना लेना किसी जंग लड़ने से कम नहीं है। लेकिन ऋचा ने इसे बिल्कुल अलग तरह देखा।
ऋचा का उद्देश्य का था कि लिंग्री शॉपिंग को लड़कियों और महिलाओं के लिए बेहद आसान बनाना। इस सफर में उनके खुद के पेरेंट्स उन पर भरोसा नहीं कर पाते थे। लेकिन, उन्होनें हार नहीं मानी और आज की तारीख में Zivame 700 करोड़ की कंपनी बन चुकी है।
बिट्स पिलानी से इंजीनिरिंग करने वाली ऋचा आज एक जानी-मानी उद्यमी महिला है, जिन्होनें न सिर्फ एक सफल बिजनेस बनाया बल्कि लोगों का नजरिया भी बदल दिया।
सायरी चहल - फाउंडर और सीईओ, SHEROES
SHEROES की फाउंडर और सीईओ सायरी चहल को देवी अवार्ड,’ ‘फेमिना अचीवर्स अवार्ड,’ ‘एडिटर्स चौइस फौर लौरिअल,’ ‘फेमिना वूमंस’ सहित और कई अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। उन्होनें महिलाओं की जरूरत और सहजता को ध्यान में रखते हुए ये प्लेटफॉर्म बनाया जहां एक भी पुरुष नहीं है। इस कारण से महिलाएं खुलकर अपने पर्सनल टॉपिक के बारे में बात कर सकती हैं। यही नहीं बल्कि यहाँ वे खरीद-बिक्री भी कर सकती हैं।
1999 में इंटरनेट से जुड़ने के बाद ही वे दुनिया बदलने वाली इस तकनीक से काफी प्रभावित थी। उनका ये उद्यमी सफर कई दुविधाओं से भरा रहा लेकिन उन्होनें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो काफी आगे निकल चुकी हैं। देश भर में 1,000,000 से अधिक महिलाओं की मदद Sheroes कर चुका है और ये सिलसिला अभी जारी ही है। सायरी इसे मात्र एक नौकरी के प्लेटफॉर्म के रूप में नहीं देखती बल्कि वे इसे एक बदलाव के रूप में देखती हैं। एक ऐसा बदलाव जिससे महिलाएं एक बार फिर अपने करियर के बारे में सुरक्षित रहकर सोच पाएं।
हम इन पाँच प्रेरणादायी उद्यमी महिलाओं के साथ-साथ देश की हर उभरती हुई उद्यमी महिला को धन्यवाद कहना चाहेंगे जो इस देश की हर लड़की और महिला के लिए एक मिसाल के रूप में आगे बढ़ रही हैं।
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