बागवानी- पौधे जिन्हें आप ग्राफ्ट कर सकते हैं!
6 minuteRead
 
                                    
                                
ग्राफ़्टिंग एक ऐसी कला है, जिसमें दो अलग-अलग पौधों के संयोजन से या टुकड़ों से एक नए किस्म के पौधे को विकसित किया जाता है।
ग्राफ़्टिंग से बढ़े हुए पौधे अधिक मजबूत होते हैं, खराब मौसम को भी झेल सकते हैं। ग्राफ़्टिंग में किसी भी सब्जी या फलों के अंकुर, फूलों की झाड़ी, और यहां तक कि कुछ पेड़ों जैसे खट्टे पेड़ों को फलदायी बनाया जा सकता है।
अगर आपको भी अपने घर के गार्डन को गुणवत्ता वाले फल-फूल से भरना है तो आप ग्राफ़्टिंग का तरीका आजमा के देख सकते हैं।
आइए देखते हैं आप बागवानी में किन पौधों को ग्राफ़्ट कर सकते हैं और इसका तरीका क्या है!
- फलों वाले पेड़
किसी भी बाग में फल होना लाजमी है। ग्राफ़्टिंग की मदद से इन पेड़ से निकलने वाले फलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है। आमतौर पर इसमें दो विभिन्न विशेषता वाले पेड़ों की जरुरत पड़ती है। ताकि ग्राफ़्टिंग से ये दो अलग-अलग विशेषता एक साथ मिलकर फल देने लगे। इससे फल की क्वालिटी और क्वांटिटी बढ़ती है।
पेड़ों की ग्राफ़्टिंग निम्न प्रकार से की जाती है : -
क्लेफ़्ट ग्राफ़्टिंग (Cleft Grafting)
टी ग्राफ़्टिंग (T Grafting)
एल शेप की ग्राफ़्टिंग (L Shape Grafting under the shell)
पेड़ की छाल के नीचे ग्राफ़्टिंग (Grafting under the bark)
गर्मी के मौसम खत्म होने के बाद और वसंत से पतझर ऋतु में पेड़ की ग्राफ़्टिंग अधिक फलदायी होती है। इन दो अलग पेड़ों के संयोजन से ग्राफ़्टिंग बागवानी की जा सकती है।
जंगली चेरी - चेरी या खट्टी चेरी
आलुबुखारे का पेड़ - बेर, मोम चेरी, आड़ू, खूबानी
बीज से उगाया गया सेब - सेब की अलग किस्म
नींबू का पेड़ - नींबू, संतरा, अंगूर
सभी पेड़ एक-दूसरे के साथ ग्राफ़्ट नहीं किये जाते हैं। ग्राफ़्टिंग कुछ खास किस्म के पेड़ ही सही होते हैं।
- गुलाब के पौधे
गुलाब के पौधे अपनी खुशबू और खूबसूरती के कारण सभी घर में आसानी से देखने को मिल जाते हैं।
हालांकि, इन्हें भी ग्राफ़्टिंग की मदद से और बेहतर बनाया जा सकता है।
टी ग्राफ़्टिंग की मदद से दो अलग विशेषता वाले गुलाब के पौधों से एक नए और बेहतर किस्म का पौधा उगाया जा सकता है। गुलाब के स्टेम के दो नोड्स के साथ पौधों को ग्राफ़्ट किया जा सकता है। गुलाब की ग्राफ़्टिंग के लिए सही समय गर्मी में मौसम के शुरुआत के बाद होता है।
- टमाटर
टमाटर की ग्राफ़्टिंग आज के समय में कई किसानों के द्वारा की जा रही है। यह फसल की पैदावार बढ़ाने में काफी सहायक रही है।
एक टमाटर की वैयरायटी जो फसल अच्छा देती है और दूसरी जिसमें बाढ़, मिट्टी में लगे कीड़े से लड़ने की क्षमता है, इन दोनों की ग्राफ़्टिंग की जा सकती है। इससे दोनों की विशेषता मिलकर एक नए किस्म की पैदावार होगी।
टमाटर के लिए सबसे बेहतर ग्राफ़्टिंग का तरीका ट्यूब ग्राफ़्टिंग को माना जाता है। यह 85 से 90% तक सफल होता है।
- खीरा
खीरे को भी ग्राफ़्टिंग की मदद से बेहतर बनाया जा सकता है। खीरे की ग्राफ़्टिंग काफी प्रचलित है और लंबे अरसे से बेहतर पैदावार देती आ रही है।
लौकी की अलग-अलग किस्मों के साथ खीरे की ग्राफ़्टिंग की जा सकती है। इसकी ग्राफ़्टिंग का सबसे अच्छा तरीका सप्लाइस (splice), छेद प्रविष्टि (hole insertion), और टंग अप्रोच (tongue approach) है।
- मिर्च
मिर्च भी के ऐसा पौधा है जिसकी आसानी से ग्राफ़्टिंग की जा सकती है। और इसकी खास बात ये है कि इसकी ग्राफ़्टिंग के लिए मिर्च की वैयराइटी के अलावा आलू और टमाटर से भी की जा सकती है।
इसकी मदद से मिर्च की गुणवत्ता में वृद्धि होती है और पौधा जल्द बढ़ता भी है। वी शेप कट मिर्च की ग्राफ़्टिंग के लिए सबसे उचित माना जाता है।
ऊपर दिए गए पाँच ग्राफ़्टिंग के अलावा तरबूज, बैंगन, कैकटस आदि की भी ग्राफ़्टिंग की जा सकती है।
ग्राफ़्टिंग करने के फायदे
- फलों, फूलों या पत्तियों का उत्पादन बढ़ाना।
- पौधों की प्रजातियों को रोग के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाना।
- पौधों की ऐसी किस्में बनाना जो ठंड और सूखा जैसी स्थिति में भी विकसित हो सकें।
- अधिक अनुकूल पौधे बनाना जिनमें कम उर्वरक और मिट्टी के संशोधन की आवश्यकता होती है।
- कमजोर पौधों के जड़ को मजबूत करना
- फलों को जल्द उगाना
- फल के पोषक तत्व को बढ़ाना और उनका स्वाद भी
Write, Record and Answer! Consume Unlimited Content! All you need to do is sign in and its absolutely free!
Continue with one click!!By signing up, you agree to our Terms and Conditions and Privacy Policy.
 
                


 
                                 
                                     
                                     
                                     
                                     
                                    