जानें विभिन्न तरह की किशमिश के बारे में!
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छोटी-छोटी क्यूट-सी दिखने वाली किशमिश भला किसे पसंद नहीं होती है। किशमिश बहुत ही टेस्टी होती है। भारत में कई मीठे व्यंजन में किशमिश का प्रयोग किया जाता है।
बचपन में डिब्बे से मुट्ठी भरपूर किशमिश निकालना और उन्हें खाना, हर किसी को याद होगा। वो खीर की कटोरी लेना जिसमें ज्यादा किशमिश हो, सबको ही पसंद रहा है।
किशमिश खाने में जितनी स्वादिष्ट लगती है, यह शरीर के लिए उतनी ही फायदेमंद भी होती है। किशमिश कई तरह के गुणों से भरपूर होती है, जो शरीर के लिए विभिन्न रूप से लाभकारी होती है।
किशमिश के कई प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग गुणों से सराबोर होती है। आमतौर पर किशमिश अंगूर को सुखाकर ही बनाई जाती है।
इसलिए जितने प्रकार के अंगूर होते हैं, उतने ही प्रकार की किशमिश भी होती है। आइए देखते हैं विभिन्न प्रकार की किशमिश के बारे में और साथ ही जानते हैं इनके फायदे क्या हैं?
विभिन्न प्रकार की किशमिश और इनके फायदे : -
काली किशमिश : -
काली किशमिश सबसे आम किशमिश है, जो घर-घर में रखी जाती है। इसकी इस्तेमाल डेजर्ट में भी किया जाता है। जिम जाने वाले लोग भी काली किशमिश का खूब सेवन करते हैं, क्योंकि ये इंस्टैंट एनर्जी देती है।
काली किशमिश न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होती है बल्कि हेल्थ के लिए काफी अच्छी होती है। काली किशमिश बालों को झड़ने से रोकती है, आंतों की सफाई करती है और त्वचा की कई परेशानियों को दूर भी करती है।
यह किशमिश काले अंगूरों को सूखाकर बनाई जाती है। काली किशमिश में पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
इसके साथ-साथ काली किशमिश विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट से भी भरपूर होती है, जिसके कारण त्वचा चमकदार और बाल मजबूत बनते हैं।
पोटैशियम की प्रचुर मात्रा के कारण काली किशमिश दिल को बेहतर कार्य करने में मदद भी करती है।
जांटे करेंट्स : -
जांटे करेंट्स किशमिश, काली किशमिश का एक प्रकार है। यह स्वाद में मीठी नहीं होती, इसमें थोड़ा खट्टापन होता है। यह ब्लैक कॉरनिथ अंगूर को सूखाकर बनाई जाती है जो कि बीज रहित और रंग में गहरे होते हैं।
जांटे करेंट्स में फैट, सोडियम और वसा की मात्रा कम होती है। ये किशमिश फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और विटामीन ए से भरपूर होते हैं।
जांटे करेंट्स किशमिश गले की खराश को कम करने, इम्यूनिटी बढ़ाने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती है।
ये शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली को बेहतर करने में मददगार होती है। आप अपनी डाइट में इन्हें नियमित रूप से शामिल कर सकते हैं।
सुल्ताना किशमिश :-
टर्की ग्रीन ग्रेप से सुल्ताना किशमिश तैयार की जाती है। यह अंगूर बीज रहित होते और रंग में हल्के होते हैं। सुल्ताना किशमिश का रंग सुनहरा होता है। इनका साइज आम किशमिश से छोटा होती है।
सुल्ताना किशमिश आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, साथ ही रक्तचाप को भी बेहतर बनाती है। यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखती है।
हालांकि, सुल्ताना किशमिश में चीनी की मात्रा अधिक होती है और इसमें कैलरी भी हाई होती है। इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
लाल किशमिश : -
अन्य किशमिश के प्रकार की तरह लाल किशमिश, लाल अंगूर को सूखाकर बनाई जाती है। यह लाल रंग के बीज रहित किशमिश से तैयार होती है। यह रंग में गहरी लाल और आकार में बड़ी होती है।
यह किशमिश भी शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती है। लाल किशमिश ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को संतुलित करती है और दिल को बेहतर फ़ंक्शन करने में मदद करती है। इसके साथ ही यह डाइबीटिज के खतरे को कम करती है।
यह एलडीएल (LDL) यानि कि बुरे कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मददगार है। इसके साथ ही यह आँखों की रौशनी और दांतों की मजबूती के लिए जानी जाती है।
हरी किशमिश : -
हरी किशमिश, हरे अंगूरों को सूखाकर बनाया जाता है। यह आकार में लंबी और स्वाद में जूसी होती हैं। इसमें फाइबर की प्रचूर मात्रा मौजूद होती हैं।
हरी किशमिश हड्डियों को मजबूत बनाती है। डैमेज हुए सेल को रिपेयर करने में भी हरी किशमिश मदद करती है।
इसके अलावा, अच्छे पाचन में, ब्लड शुगर को संतुलित रखने में भी हरी किशमिश मददगार है। इसके साथ ही चमकती त्वचा पाने में भी हरी किशमिश सहायक होती है।
शरीर में कॉलेस्ट्रॉल लेवल को हरी किशमिश मैनेज करने में कारगर होती है। एनीमिया से लड़ने में भी हरी किशमिश को योग्य माना गया है।
मुनक्का : -
मुनक्का भी किशमिश का एक सूखा प्रकार है। यह महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना गया है। मुनक्का आकार में आम किशमिश से बड़ा होता है।
मुनक्का रोग-प्रतिरोधकर क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है। अन्य किशमिश की तरह यह भी ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी मुनक्का काफी मददगार होता है। इसमें पाएं जाने वाले बीज भी काफी फायदेमंद होते हैं।
किशमिश से जुड़ी कुछ खास बातें : -
- किशमिश एक सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
- सभी किशमिश फायदेमंद होते हैं।
- किशमिश को सुबह नाश्ते के समय पर खाना चाहिए।
- किशमिश को रातभर पानी में फूलने दें।
- सुबह किशमिश के साथ-साथ इसके पानी का भी सेवन करें।
- किशमिश का पानी पीने से अनेक लाभ मिलते हैं।
- डाइबीटीज के पेशेंट किशमिश का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
सारांश
किशमिश अंगूर को सूखाकर बनाएं जाते हैं। किशमिश कई प्रकार के होते हैं और ये शरीर के लिए काफी हेल्दी भी होते हैं। किशमिश के प्रकार हैं - काली किशमिश, जांटे करेंट्स, सुल्ताना किशमिश, लाल किशमिश, हरी किशमिश, मुनक्का आदि।
किशमिश ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करते हैं और शरीर में इंस्टैंट एनर्जी भी देते हैं। लेकिन, किशमिश का सेवन सीमित मात्रा में भी किया जाना चाहिए। किशमिश को रातभर पानी में फुलाकर खाने से और इसका पानी पीने से फायदा अधिक होता है।
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