महाशिवरात्रि स्पेशलः बस 5 मिनट में बनेंगे कुट्टू के आटे के पराठे

5 minute
Read



Disclaimer This post may contain affiliate links. If you use any of these links to buy something we could earn a commission. We are a reader supported website and we thank you for your patronage.

शिव का सबसे पवित्र त्योहार फाल्गुन के चंद्र महीने के अंधेरे आधे के दौरान, अमावस्या की 14 वीं रात को पड़ता है। यह फरवरी और मार्च के बीच का समय है। यह महाशिवरात्रि या शिव की महान रात है।

शिवरात्रि की इस पावन रात में शिव भक्त पूरी रात जागते हैं। कुछ पूजा करते हैं, वैदिक मंत्रों या रुद्रम का जाप करते हैं, साधना और ध्यान का अभ्यास करते हैं। ये पवित्र प्रथाएं हमारे भीतर शांति और दुनिया के साथ एकता की भावना प्रदान करती हैं।

शिव के इर्द-गिर्द कई कथाएं प्रचलित हैं। जबकि इनमें से प्रत्येक कथा सार्थक है, गुरुदेव महाशिवरात्रि के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। वे कहते हैं, शिव कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि वह ऊर्जा है जिस पर पूरी सृष्टि टिकी हुई है। यह ऊर्जा पूरे ब्रह्मांड में व्याप्त है और प्रत्येक जीवित प्राणी के भीतर मौजूद है। इस ऊर्जा को शिव तत्त्व कहा जाता है। 

रात्रि का अर्थ है वह जो आपको आराम दे, और आपको सुकून दे। रात होती है जब सारी गतिविधियां बंद हो जाती हैं। सब कुछ शांत और शांतिपूर्ण है। वातावरण शांत हो जाता है और शरीर स्वाभाविक रूप से स्लीपध्रेस्ट मोड में चला जाता है।

रत्रि का अर्थ वह भी है जो तीन प्रकार की समस्याओं से राहत देता हैः शरीर, मन और आत्मा को समस्याएं - आध्यात्मिक, अधिभूतिक और आदिदैविक। जब आप रात को सो रहे होते हैं तो आपको भोजन, पानी या कपड़ों की चिंता नहीं होती है। आप केवल इतना चाहते हैं कि आप सोएं ताकि यह आपको दिन भर की चिंताओं से राहत दे।

इस बार महाशिवरात्रि का व्रत एक मार्च, मंगलवार को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस पर्व पर जो शिव भक्त उपवास रहते हुए दिन भर शिव आराधना करता है उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।

वैसे तो शिव का नाम भोले भी है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि वह सभी की बात को बड़ी जल्दी मान जाते हैं। हर कोई अपनी-अपनी मनोकामनाओं के लिए शिव का व्रत रखते हैं, लेकिन आज कुछ महिलाओं के लिए ये व्रत और खास हो जाता है। 16 सोमवार के बारे में तो आपने सुना होगा। इसी के साथ, युवा महिलाएं अपने विवाह में किसी भी तरह की अढ़चन आने पर शिव की अराधना कर सकती हैं। 

अगर आपको जीवनसाथी नहीं मिल रहा है तो इस दिन आप शाम के समय पीले कपड़े पहनकर मंदिर में शिवजी की पूजा ज़रूर करें। पूजा के लिए आप बेलपत्र लें, इनकी संख्या उतनी होनी चाहिए जितनी आपकी उम्र है। इन सभी बेलपत्र पर पीला चंदन लगाकर भगवान शिव को अर्पित कर दें। हर बेलपत्र को चढ़ाते समय ओम् नमः शिवाय का जाप करें। फिर धूप-दीप से शिव की आरती करें और बाबा से जल्द विवाह की प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्दी ही पूरी होगी।

अब जाहिर सी बात है अगर आपने व्रत किया है तो आप कुछ आसान और खास रेसिपी के बारे में भी सोच रहे होंगे। आइए इस ब्लाॅग में आपको कुट्टू के आटे के पराठे की आसान रेसिपी के बारे में बताएं।

दो लोगों के लिए सामग्री

ingredients for kuttu atta ka paratha

एक कटोरी कुट्टू का आटा

तीन उबले हुए आलू

बारीक कटी हरी मिर्च

बारीक कटा हरा धनिया

नमक स्वादानुसार

जीरा एक चम्मच

लाल मिर्च आधा छोटा चम्मच

गरम मसाला आधा चम्मच

घी

एक कप पानी

बनाने की विधि

making dough from kuttu atta

सबसे पहले आप कुट्टू के आटे में सभी सामग्री को डालकर मिलाएं।

आप इसे गूंथने के लिए ज्यादा पानी का इस्तेमाल न करें। 

ready dough for paratha

आप सामग्री के साथ आलू को मैश करके मिला लें। आलू से निकला हुआ पानी आटे को काफी हद तक गीला कर देगा। अब अगर ज़रूरत है तो आप आधा कप पानी डालकर आटे को अच्छे से गूंथ लें। आटा ज्यादा पतला नहीं रहना चाहिए।

rolling out paratha from kuttu atta

अब आप तवा गरम करें और आटे में से गोला बनाकर पराठा बेलें।

cooking paratha on a pan

अब घी की मदद से इसे तवे पर धीमी आंच पर पकाएं।

delicious kuttu atta paratha

लीजिए तैयार है आपकी कुट्टू के आटे का पराठा, इसे व्रत वाली हरी चटनी के साथ सर्व करें।

Logged in user's profile picture




कुट्टू के आटे के पराठे में क्या सामग्री चाहिए?
<ol><li>एक कटोरी कुट्टू का आटा</li><li>तीन उबले हुए आलू</li><li>बारीक कटी हरी मिर्च</li><li>बारीक कटा हरा धनिया</li><li>नमक स्वादानुसार</li><li>जीरा एक चम्मच</li><li>लाल मिर्च आधा छोटा चम्मच</li><li>गरम मसाला आधा चम्मच</li><li>घी</li><li>एक कप पानी</li></ol>