पीसीओएस के लिए करें ये 5 योगासन, होंगे फायदे!
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आज कल की जीवन-शैली, खान-पान आदि में काफी बदलाव आ चूका है। महिलाओं के कंधों पर दोगुना भार है, घर का भी और बाहर का भी। ऐसे में सबकुछ मैनेज करने के चक्कर में लड़कियां/महिलाएं अपना ध्यान रखना भूल जाती हैं।
गलत लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की बीमारियों का सामाना करना पड़ता है। इनमें से एक समस्या है पीसीओएस।
पीसीओएस का फुल फॉर्म है (polysistic ovarian syndrome)। पीसीओएस की स्थिति में महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन्स बढ़ जाते हैं। इसके कारण शरीर के अन्य अंगों की मॉर्फोलॉजी और फंक्शन में बदलाव आने लगता है।
पीसीओएस के लक्षण क्या होते हैं?
पीसीओएस की स्थिति को निम्न लक्षणों से पहचाना जा सकता है : -
- ओवरीज में सिस्ट का मौजूद होना। इसे सोनोग्राफी में देखा जा सकता है।
- पीरियड्स का रेगुलर न होना। यह ओवुलेशन के देर से या अनियंत्रित होने के कारण होता है।
- बहुत अधिक बाल होना या पिम्पल होना।
- वजन घटाने में परेशानी आना।
- प्रेग्नेंसी में मुश्किल आना।
- स्किन फोल्ड्स में पैचेज पड़ना!
पीसीओएस होने के कारण
पीसीओएस किसी एक कारण से नहीं होता। यह जेनेटिक हो सकता है। यह आपके गलत लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण हो सकता है। कई बार ये स्ट्रेस के कारण भी हो सकता है।
योग से करें पीसीओएस को ठीक
योग बड़ी-से-बड़ी बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। योग मन को एकाग्र करने और तन की कई परेशानियाँ दूर करने में मदद करता है। योग के नियमित अभ्यास से पीसीओएस को भी ठीक किया जा सकता है।
आज हम पाँच योगासन के बारे में बात करेंगे जिनकी मदद से पीसीओएस की स्थिति में सुधार आ सकता है।
पाँच आसान जिससे पड़ेगा पीसीओएस की स्थिति पर प्रभाव : -
- बद्धकोणासन या बटरफ्लाई पोज (Butterfly pose)
- कमर सीधी कर के किसी मैट पर आराम से बैठ जाए।
- अब सांस अंदर की ओर खींचते हुए दोनों पैरों को मोड़ें।
- दोनों एड़ियाँ को पेट के नीचे की तरफ रखें, इस तरह कि एड़ियाँ एक-दूसरे में स्पर्श हों
- अब पहली उंगली और अंगूठे की मदद से पैर के अंगूठे को पकड़े।
- अब दोनों घुटनों को जांघ की मांसपेशियों द्वारा जमीन पर टच करने की कोशिश करें।
- घुटनों पर अधिक दबाव न डालें।
- एक से डेढ़ मिनट तक इस पोज में रहें।
अंगों की मांसपेशियों, जांघों के आंतरिक भाग और अब्डॉमिनल कैविटी में मौजूद अंगों को सुचारु रूप से कार्यरत रखने में मदद करता है, बद्धकोणासन या बटरफ्लाई पोज! ओवरीज के फंक्शन को नियंत्रित और पीरियड्स को बेहतर करने में ये योगासन कारगर है।
- भुजंगासन या कोबरा पोज (Kobra Pose)
- सबसे पहले मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब दोनों हथेलियों के बल पर ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं।
- दोनों पैरों को एक दूसरे के पास ही रखें।
- अपने हिप्स, जांघों और पैरों को फर्श दबाकर रखें।
- अब सिर को अपनी पीठ की तरफ खींचें। (सर्प की तरह)
- एक से डेढ़ मिनट तक इस आसन में रहें।
यह आसन जीवन-चक्र को नियंत्रित करने में मददगार है। भुजंगासन पेट के भी काफी अच्छा होता है। पीसीओएस से जुड़े कई लक्षणों को बेहतर करने में ये योगासन मददगार है।
- नौकासन या बोट पोज (Boat Pose)
- नौकासन यानि नाव के आकार में।
- इसके लिए सबसे पहले मैट पर सीधा लेट जाएं।
- अब अपने दोनों पैरों को 45 डिग्री के कोन पर उठा लें।
- हरी सांस लें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर को ऊपर उठाएं।
- और शरीर इतना ऊपर हो कि घुटनों के आमने-सामने आपकी आँखें हो।
- अब दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखकर उठाएं।
- पेट के बल इस आसन को 10 से 20 सेकेंड तक होल्ड करें।
- आसन पूरा करते हुए सांस छोड़ें।
- आप 4 से 5 बार इसे दोहरा सकते हैं।
नौकासन पेट की मांसपेशियों और अब्डॉमिनल कैविटी में मौजूद अंगों बेहतर करने में मददगार है। यह थायरॉइड के फंक्शन को नियंत्रित करता है, जिससे पीसीओएस की स्थिति में भी फर्क आता है।
- धनुरासन या बो पोज (Bow Pose)
- धनुरासन यानि धनुष के आकार का आसान।
- इसके लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब सांस लेते हुए पैरों को ऊपर उठाएं।
- अब दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाते हुए पैरों को पकड़ने की कोशिश करें।
- अब साँसों की गति पर ध्यान दें।
- 15 से 20 सेकेंड होल्ड करने के बाद सांस छोड़ें और सामान्य हो जाएं।
कब्ज, पीरियड्स में हो रही प्रॉब्लम जैसे क्रैंप्स, कड़कपन आदि से यह योगासन आपको राहत दिलाता है। यह प्रजनन अंगों को भी उत्तेजित करता है और इसे ठीक से फंक्शन करने में मदद करता है।
- बालासन या चाइल्ड पोज (Child pose)
- बालासन यानि बच्चों जैसा आसन!
- इसके लिए पैरों को पीछे रखते हुए मैट पर बैठ जाएं।
- अब सांस अंदर लेते हुए सामने की तरफ झुकें।
- इस तरह की आपका सर जमीन छू रहा हो।
- अब दोनों हाथों को सामने की तरफ रखें।
- आँखें बंद करें और ध्यान केंद्रित करें।
- आधा से एक मिनट पोज होल्ड करके सामान्य हो जाएं।
बालासन हिप्स की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए सबसे बेहतरआसन है। इसके अलावा पीसीओएस के लिए योगासन की लिस्ट में यह आसन सबसे बेहतरीन आसन है क्योंकि अन्य आसन की के कारण होने वाले तनाव कम करने में मदद करता है। इस आसन को करने से किसी भी अंग पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता।
ऊपर दिए गए किसी भी आसन को पीसीओएस के लिए ट्राइ करने से पहले एक बार चिकित्सीय सलाह जरूर ले लें।
पीसीओएस के लिए अन्य टिप्स
योगा के साथ ये चीजें फॉलो करने से भी आपको पीसीओएस को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
- लाइफस्टाइल में सुधार लाएं।
- मसालेदार और भुना खाना न खाएं।
- खाने में सलाद जैसे हेल्दी फूड आइटम्स शामिल करें।
- समय निकालर सैर करें।
- खुद को एक्टिव रखें।
- अधिक स्ट्रेस न लें।
- मेडिटेशन का भी ले सकती हैं सहारा।
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