पोस्टपारटम डिप्रैशन- संकेत और इसे कम करने के टिप्स

8 minute
Read

Highlights प्रेग्नेंसी के बाद कई महिलाओं में बेबी ब्लूज देखने को मिलते हैं। लेकिन ये लगभग दो सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। अगर ये स्थिति दो सप्ताह से ज्यादा देखने को मिल रही है तो ये पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण दिखा सकते हैं।ऐसे में डॉक्टर ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि ये बेबी ब्लूज हैं या पोस्टपार्टम डिप्रेशन। ‘बेक डिप्रेशन इन्वेंटरी’ या ‘द हैमिल्टन रेटिंग स्केल’ जैसे साइकोलॉजिकल स्क्रीनिंग का सहारा लेकर डॉक्टर मरीज की स्थिति का पता लगाने की कोशिश करते हैं।

Disclaimer This post may contain affiliate links. If you use any of these links to buy something we could earn a commission. We are a reader supported website and we thank you for your patronage.

पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या होता है?

दुनिया में काफी सारी चीजें हैं जिसपर लोग यकीन इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हें उस चीज की जानकारी नहीं होती। इन्हीं चीजों में से एक है पोस्टपार्टम डिप्रेशन। पोस्टपार्टम डिप्रेशन उतना ही रियल है जितनी की कोई आम बीमारी। 

बच्चे को जन्म देने के बाद एक माँ में कई तरह के शारीरिक बदलाव और मानसिक बदलाव होते हैं। हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव बना रहता है। ऐसे कई कारणों से एक माँ पोस्टपार्टम डिप्रेशन की शिकार हो सकती हैं। देश में हर साल लाखों महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार होती हैं। 

हालांकि, इस स्थिति के बारे में लोगों को जानकारी काफी कम है इसीलिए इसे एक रियल प्रॉब्लेम मानना ही लोगों के लिए मुश्किल होता है। आइए पोस्टपार्टम डिप्रेशन के बारे में विस्तार से जानते हैं।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन कैसे होता है?

पोस्टपार्टम डिप्रेशन कई कारणों से होता है। इनमें कुछ आम कारण नीचे दिए गए हैं : - 

  • प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला के जीवन में काफी बदलाव आते हैं। इनमें से किसी भी कारण जैसे आर्थिक परेशानी, समाज से दूरी, मनमुटाव, बच्चे से जुड़ी समस्याओं के कारण पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है। 
  • प्रेग्नेंसी के बाद हार्मोस के लेवल में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है। गर्भावस्था के समय प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हॉर्मोन का लेवल सामान्य से अधिक होता है, और डिलीवरी के बाद ये गिरकर सामान्य हो जाता है। इस अचानक हुए बदलाव के कारण भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है।
  • किसी तरह के नशे का सेवन, खाने-पीने के रूटीन में बदलाव, लगातार अधूरी नींद, थायरॉइड के कारण भी ये स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • परिवार में मानसिक बीमारी की हिस्ट्री भी एक कारण हो सकती है। अगर महिलाएं स्वस्थ होती हैं और उनकी डिलीवरी नार्मल होती है, तो उन्हें भी इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। जिन महिलाओं ने पहले भी मानसिक डिप्रेशन का सामना किया है उनमें पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा ज्यादा होता है, तो ऐसे में, अगर आपको पहले भी एंग्जाइटी या डिप्रेशन से गुजर चुकी हैं तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताएं। 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के संकेत क्या हैं? 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण, डिप्रेशन के जैसे ही होते हैं। इनमें नाम मात्र का फर्क होता है और ये प्रेग्नेंसी के बाद ही होते हैं।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं : - 

  • बिना किसी वजह के गुस्सा आना या चिड़चिड़ापन होना 
  • काफी मूड स्विंग होना
  • काम में ध्यान लगाने में मुश्किल होना
  • किसी काम को करने में दिलचस्पी न होना
  • अपनी हॉबी की चीजों में भी दिल न लगना
  • मन काफी दुखी रहना, जिसका कोई कारण न हो
  • खाने-पीने की रूटीन में बड़ा बदलाव 
  • कम या ज्यादा खाने के कारण वजन में असामान्य बदलाव
  • खुद के बारे में बेकार महसूस करना और खुद पर नियंत्रण रख पाने में असक्षम होना
  • बिना किसी वजह के हर वक्त रोते रहना
  • थका होने के बावजूद नींद न आना
  • किसी से मिलने की इच्छा न होना
  • अपने बच्चे की हद से ज्यादा फिक्र करना या बच्चे की देखभाल में बिल्कुल भी दिलचस्पी न होना
  • खुद के बारे में हर वक्त नेगेटिव सोचना
  • अत्यधिक एंग्जाइटी या पैनिक अटैक आना

पोस्टपार्टम डिप्रेशन का उपचार क्या है? 

प्रेग्नेंसी के बाद कई महिलाओं में बेबी ब्लूज देखने को मिलते हैं। लेकिन ये लगभग दो सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। अगर ये स्थिति दो सप्ताह से ज्यादा देखने को मिल रही है तो ये पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण दिखा सकते हैं।

ऐसे में डॉक्टर ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि ये बेबी ब्लूज हैं या पोस्टपार्टम डिप्रेशन। ‘बेक डिप्रेशन इन्वेंटरी’ या ‘द हैमिल्टन रेटिंग स्केल’ जैसे साइकोलॉजिकल स्क्रीनिंग का सहारा लेकर डॉक्टर मरीज की स्थिति का पता लगाने की कोशिश करते हैं।

हार्मोनल बदलाव के बारे में जानने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट भी कराने को कहते हैं। रिजल्ट के अनुसार डॉक्टर सही परामर्श या दवाईयां देते हैं।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम करने के टिप्स

पोस्टपार्टम से उभरने में डॉक्टर तो आपकी मदद करेंगे ही लेकिन थोड़ी सी मदद आपको खुद की भी करनी पड़ेगी। 

पोस्टपार्टम को कम करने के टिप्स : -

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं : - अच्छा महसूस करने के लिए सबसे जरूरी होता है अच्छी लाइफस्टाइल को अपनाना। हेल्दी खाना खाएं, लाइट वॉक करें, खुद को पॉजीटिव चीजों में व्यस्त रखने की कोशिश करें। कोशिश करें हर चीज को स्कारात्मकता से देखने की। 

खुद को दें समय : - खुद के लिए थोड़ा-सा समय जरूर निकालें, इस समय में खुद से बातें करें। खुद को समझाने का प्रयास करें कि ये बस एक स्थिति है और जिसका कंट्रोल आपके हाथ में हैं। आप जिसे जल्द ही बदल देंगी।

लोगों से मिलने से न बचें : - हो सकता है आपको लोगों से मिलने का मन न करें लेकिन थोड़ा-सा मन को मनाकर लोगों से जरूर मिलें। अपने दोस्तों के साथ समय बिताऐं, अच्छे पलों के बारे में चर्चा करें।

मेडिटेशन का लें सहारा : - ध्यान लगाने से मन को काफी शांति मिलती है। आप हर सुबह उठकर मेडिटेशन करना शुरू करें। शुरुआत कम समय से किया जा सकता है और समय के साथ टाइम बढ़ाएं। 

खुद पर और बच्चे पर प्यार लुटाएं : - बच्चे के साथ खुशनुमा पल बिताऐं। सोचें कि ये नन्हीं-सी जान आपकी दुनिया बदलने के लिए ही इस दुनिया में आई है। जितना हो सके नेगेटिव सोच को दूर रखें।

अपनी पसंदीदा चीजें करें : - आपको जो भी पसंद है जैसे गाना सुनना, पेंटिंग करना उसमें थोड़ा समय जरूर गुजारें। ऐसा करने से आपको खुद से मिलने का मौका मिलता रहेगा।

मदद लेने से पीछे न हटें : - अवसाद में मदद लेना सबसे जरूरी होता है। जब मन करें अपने घरवालों की, पति की मदद लेने से पीछे न हटें।

रियल लाइफ को एकसेप्ट करें और आगे बढ़ें : - जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है - इस सोच के साथ रियल लाइफ को एकसेप्ट करें। पुरानी चीजों में दिमाग को अटकने न दें।

मोटिवेशन देने वाले लोगों के पास रहें : - मोटिवेशल वीडियो देखें, दूसरी माँओं के सफल कहानियाँ पढ़ें। अच्छी सलाह को खुद की जिंदगी में लागू करने की कोशिश करें।

मन में बातों को दबाकर न रखें : - मन में किसी बात को न रखें। कुछ भी बुरा ख्याल आएं तुरंत किसी अपने करीबी या डॉक्टर से शेयर करें। वो आपको सही रास्ता दिखाने में मदद करेंगे।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन को ठीक होने में कम या ज्यादा समय भी लग सकता है। ऐसे में खुद को मजबूत रखें और डॉक्टर से मिलती रहें।

Logged in user's profile picture