जानें, तिल सकट पर स्पेशल लड्डू की रेसिपी

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गणेश चतुर्थी या तिलकुट चौथ व्रत हिंदुओं के लिए प्रसिद्ध त्योहार है। यह व्रत कई नामों से प्रसिद्ध है, जैसे सकट चौथ, संकट चौथ, तिलकुट चौथ, वक्रा-टुंडी चतुर्थी और माघी चौथ आदि। हर महीने दो चतुर्थी तिथियां आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में जिसे विनायकी चतुर्थी कहा जाता है, दूसरे कृष्ण पक्ष में इसे संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। संकष्टी का अर्थ है संकटों को हराने वाली। भगवान गणेश को संकट को हराने वाले देवता के रूप में माना जाता है। इसलिए महिलाएं अपने पुत्रों की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए यह व्रत करती हैं और पति के सभी कष्ट भी दूर हो जाते हैं। इस दिन महिलाएं विधि विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं और तिल के लड्डू का आनंद लेती हैं क्योंकि भगवान गणेश को लड्डू बहुत पसंद हैं। 

कृष्ण पक्ष चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है और भक्त प्रत्येक कृष्ण पक्ष चतुर्थी पर संकष्टी चतुर्थी का उपवास करते हैं। हालाँकि, माघ महीने के दौरान कृष्ण पक्ष चतुर्थी को सकट चौथ के रूप में भी मनाया जाता है और यह मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में मनाया जाता है। सकट चौथ देवी सकट को समर्पित है और महिलाएं अपने बेटों की भलाई के लिए उसी दिन उपवास रखती हैं। सकट चौथ की कथा देवी सकात के दयालु स्वभाव का वर्णन करती है।

तिल सकट का इतिहास

राजस्थान में सकट गांव है और इसमें देवी संकट को समर्पित मंदिर है। देवी संकट चौथ माता के नाम से प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर लगभग 60 कि.मी. अलवर से और 150 कि.मी. राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से दूर है। सकट देवी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सकट माता मंदिर जा सकते हैं। 

सकट चौथ पर भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इस साल 2022 में सकट चौथ का व्रत 21 जनवरी दिन शुक्रवार को है। आइए, इस तिल सकट पर जानें तिल के लड्डू बनाने की रेसिपी। 

तिल के लड्डू बनाने की सामग्री


तिल - 2 कप 
गुड या बुरा - 1 कप
काजू - 3 टेबल स्पून
बादाम - 3 टेबल स्पून
किशमिश - 2 टेबल स्पून
चारों मगज के बीज - 3 टेबल स्पून
मखाने - एक कटोरी
सूखा नारियल - दो बड़े

बनाने की विधि

  • तिल के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले दो सूखे नारियल को कड्डूकस कर लें। इसकी गरी तैयार करके इसे मिक्सी में पीस लें, ताकि यह बारीक हो जाए। 

  • अब कड़ाही लें और उसे गर्म करने रख दें। जब कड़ाही गर्म हो जाए तो उसमें नारियल की गरी डालकर हल्का भूरा होने तक भूनें। भुन जाने के बाद इसे एक प्लेट में निकाल लें।

  • अब इसी कड़ाही को साफ करके, इसमें तिल को भी भूनें। मीडियम आंच पर लगातार करछी की मदद से चलाते हुए तिल को लाइट ब्राउन होने तक भूनें। अब इन भुने तिल को भी एक प्लेट में निकालकर थोड़ा सा ठंडा कर लें।
  • अब एक बार फिर से कड़ाही में मखाने, बादान, काजू और चारों मगज को भी हल्की आंच पर भून लें। जब यह थोड़ें करकरे से हो जाएं, तो इन्हें एक अलग प्लेट में ठंडा होने के लिए रख दें।

  • अब आप इन सभी मिश्रण को हल्का सा कूट लें या फिर मिक्सी से हल्का सा दरदरा पीस लें।
  • इस मिश्रण को निकालकर किसी गहरी पतीली में रख लें। अब इसमें बूरा या गुड़ का पाउडर और किशमिश मिलाएं। 

  • इस मिश्रण को हल्की आंच पर गैस पर रख दें। इसमें दो चम्मच पानी डालकर महज़ दो से तीन मिनट के अंदर गैस बंद कर दें। इससे यह मिश्रण थोड़ा गीला सा हो जाएगा। ताकि लड्डू आपस में चिपक जाएं।

  • अब गैस बंद करके हल्के गुनगुने मिश्रण को हथेलियों से दबा-दबाकर गोल लड्डू बनाते जाएं। इन्हें अपने हिसाब से आकार दें। एक-एक कर सारे मिश्रण से तिल के लड्डू तैयार कर लें।
  • आप इन्हें खुली हवा में 4 से 5 घंटे के लिए छोड़ दें, जिससे यह थोड़े चिपक कर सख्त हो जाएं और टूटे नहीं। 

लीजिए तैयार हैं आपके हेल्दी तिल के स्वादिष्ट लड्डू। आप इन्हें किसी एयरटाइट कंटेनर में स्टोर कर सकती हैं। हैप्पी तिल सकट!

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